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आर्टिकल 15 मूवी रिव्यू: वर्ण व्यवस्था पर कड़ा प्रहार करती है आयुष्मान की थ्रिलर

- सिनेमा – आर्टिकल 15
- सिनेमा प्रकार – क्राइम
- अदाकार – आयुष्मान खुराना, मनोज पाहवा, कुमुद मिश्रा, मोहम्मद ज़ीशान
- निर्देशक – अनुभव सिन्हा
- अवधि – 2 घंटे 10 मिनट
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प्रस्तावना
हटके फ़िल्में करने वाले आयुष्मान खुराना अब ’आर्टिकल 15’ लेकर हाज़िर हैं। फिल्म अपराध की धरती पर आधारित है और वर्ण व्यवस्था पर भी कड़ा प्रहार करती है। ट्रेलर और पोस्टर ने फिल्म के प्रति दर्शकों में उत्साह बनाने में कामयाब हुई है। आइये देखते हैं फिल्म में वो बात है या नहीं।
कहानी
उत्तर प्रदेश के लालगाँव में अप्पर पुलिस अधीक्षक के पद पर आयपीएस अफसर अयान रंजन (आयुष्मान खुराना) की नियुक्ति होती है। गाँव से अचानक 3 लड़कियां लापता हो जाती हैं। जिनमे से दो की लाश मिलती है। जैसे-जैसे अपराध की गुत्थी खुलती जाती है भारतीय वर्ण व्यवस्था की सच्चाई उजागर होती जाती है। जो अयान रंजन के लिए अपराध से बड़ी चुनौती साबित होती है। अयान लड़कियों की मौत की सच्चाई के काफ़ी करीब होता है लेकिन उस पर दबाव बनाया जाता है। क्या होती है उन लड़कियों की मौत की गुत्थी ? क्या अयान इसे सुलझा पाता है? वर्ण व्यवस्था और भ्रष्टाचार इस गुत्थी से कैसे जुड़ा होता है? इन तमाम सवालों के जवाब जान्ने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
अदाकारी
आयुष्मान खुराना की अदाकारी लाजवाब है। मनोज पाहवा, कुमुद मिश्रा, मोहम्मद ज़ीशान जैसे कलाकारों ने भी अच्छी अदाकारी की है। बाकी के कलाकारों को भी अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है।
निर्देशन
अनुभव सिन्हा ने फिल्म को शानदार तरीक़े से निर्देशित किया है। इसके लिए उनकी जितनी साराहना की जाए उतना कम है।
संगीत
फिल्म में कोई गाना नहीं है। बैकग्राउंड स्कोर ठीक है।
आर्टिकल 15 मूवी रिव्यू
फिल्म मनोरंजन, संदेश से भरपूर है। अच्छी अदाकारी भी है। आप इसे अपने पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं।
- Rating
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