Advertisement
मलाल मूवी रिव्यू: आपके दिलों को छू जाएगी शिवा और आस्था की यह प्रेम कहानी
मलाल से जावेद जाफ़री के बेटे मीज़ान जाफ़री और संजय लीला भंसाली की भतीजी शरमिन सहगल भी बॉलीवुड में क़दम रखने जा रहे हैं।

- सिनेमा – मलाल (Malaal)
- सिनेमा प्रकार – लव स्टोरी
- अदाकार – मीज़ान जाफ़री, शरमिन सहगल
- निर्देशक – मंगेश हादवले
- अवधि – 2 घंटे 16 मिनट
Advertisement
प्रस्तावना
बॉलीवुड में नए चेहरों की एंट्री का दौर जारी है। संजय लीला भंसाली निर्मित फिल्म मलाल से जावेद जाफ़री के बेटे मीज़ान जाफ़री और संजय लीला भंसाली की भतीजी शरमिन सहगल भी बॉलीवुड में क़दम रखने जा रहे हैं। फिल्म से बड़े नाम जुड़े हैं, चर्चा तो बहुत है। पर क्या यह आपका मनोरंजन कर पाएगी? आइये जानते हैं।
कहानी
मलाल की कहानी तमिल की हिट फिल्म 7 जी रेनबो कॉलोनी की रीमेक है। हालांकि दोनों की पृष्ठभूमि काफ़ी अलग है। मुंबई के अंबेवाड़ी चॉल में रहने वाला मराठी लड़का शिवा (मीज़ान जाफ़री) दिन भर अपने दोस्तों संग आवारागर्दी करता रहता है। शिवा की हरकतों से उसका पिता के साथ साथ पूरी चॉल परेशान होती है। शिवा को अमराठी (यूपी, बिहार वाले या हिंदी भाषिक) लोग पसंद नहीं होते। दूसरी ओर बुरे हालात के चलते आस्था त्रिपाठी (शरमिन सहगल) अपने माता-पता और छोटे भाई संग इसी चॉल में शिफ्ट हो जाती है। सीए की पढाई करने वाली आस्था से शिवा को प्यार हो जाता है। लेकिन दोनों के बीच हर मामले में ज़मीन आसमान का फ़र्क होता है। इसी कारण आस्था के परिवार वाले इस प्यार के खिलाफ़ हो जाते हैं। क्या आस्था और शिवा क्या क़दम उठाते हैं? दोनों एक दूजे के होते हैं या फिर कोई मलाल बाकी रहता है? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
अदाकारी
मीज़ान जाफ़री और शरमिन सहगल ने काफ़ी अच्छी अदाकारी की है। दोनों का आत्मविश्वास गज़ब का है। आने वाले दिनों में दोनों अच्छा काम करेंगे ऐसी उम्मीद रख सकते हैं
निर्देशन
मंगेश हादवले ने फिल्म को बेहतरीन तरीक़े से निर्देशित किया है। उन्होंने मुंबई के चॉल की ज़िंदगी हूबहू पर्दे पर दिखाई है।
संगीत
फिल्म का संगीत दिल को भाता है। गाने काफ़ी अच्छे हैं। बैकग्राउंड स्कोर भी अच्छा है।
ख़ास बातें
- मीज़ान और शरमीन दो नए चेहरों की एंट्री।
- साधारण, साफ़ सुथरी प्रेम कहानी है।
- संगीत भाता है।
- पूरे परिवार संग देख सकते हैं।
कमज़ोर कडियां
- असल कहानी शुरू होने में काफ़ी समय लग जाता है।
- दूसरे हिस्से में वही वही चीज़े नज़र आती हैं।
- दूसरे हिस्से में रोमांच की कमी नज़र आती है।
देखें या ना देखें
दो नए चेहरों की एंट्री है कहानी भी साफ़ सुथरी और मनोरंजक है। आप अपने पूरे परिवार के साथ इसे एक बार देख सकते हैं।
- Rating 6
Advertisement