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पानीपत मूवी रिव्यू: हार कर भी जीतने वाले मराठाओं की वीरता को सम्मानित करती है ये फिल्म
पीरियड ड्रामा फिल्म बनाने के लिए मशहूर निर्देशक आशुतोष गोवारीकर (ashutosh gowariker) ने इस बार ऐतिहासिक ‘पानीपत’ (Panipat) युद्ध की कहानी पर्दे पर साकारी है।

सिनेमा – पानीपत मूवी रिव्यू
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सिनेमा प्रकार– पीरियड ड्रामा
अदाकार – अर्जुन कपूर, संजय दत्त, कृति सैनन, मोहनीश बहल, पद्मिनी कोल्हापूरे
निर्देशक – आशुतोष गोवारीकर
अवधि – 2 घंटे 53 मिनट
प्रस्तावना
पीरियड ड्रामा फिल्म बनाने के लिए मशहूर निर्देशक आशुतोष गोवारीकर (ashutosh gowariker) ने इस बार ऐतिहासिक ‘पानीपत’ (Panipat) युद्ध की कहानी पर्दे पर साकारी है। पानीपत युद्ध मे हमारी हार हुई थी लेकिन हिंदुस्तानी इतिहास मे इस युद्ध का बहुत महत्व है। हालांकि ट्रेलर ने कुछ खास प्रभावित नहीं किया था, पर आशुतोष गोवारीकर से दर्शकों को बहुत उम्मीदें हैं। आइये जानते हैं पानीपत आपकी उम्मीदों पर खरी उतरती है या नहीं।
कहानी
मराठा साम्राज्य के पेशवा नानासाहब (मोहनीश बहल) की सेना मे सादाशिवराव भाऊ (अर्जुन कपूर) कुशल सेनापति हैं। उदगीर के निजाम को हराने के बाद सदाशिवराव अफ़गानिस्तान से हिंदुस्तान आए अहमद शाह अब्दाली (संजय दत्त) के खिलाफ लड़ने की चुनौती स्वीकारते हैं। हालांकि अब्दाली की दौलत और ताक़त के आगे मराठा सेना कुछ भी नहीं होती। इस कारण सदाशिव पूरे हिंदुस्तानी राजाओं को एक करने की योजना बनाते हैं। सदाशिवराव तमाम हिंदुस्तानी राजाओं को कैसे जोड़ते हैं? क्या वो सब साथ देते हैं? सभी को जोड़ने के लिए किन किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है? ये सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
अदाकारी
ट्रेलर रिलीज़ होने के बाद अर्जुन कपूर हद से ज़्यादा ट्रोल हुए थे। लेकिन फिल्म देखकर सारे ट्रोलर चुप हो जाएंगे इसमे कोई दो राय नहीं है। अर्जुन कपूर ने अच्छी अदाकारी की है। ये उनके जीवन को यादगार फिल्म होगी। उनके साथ कृति सैनन की जोड़ी जचती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि यही दोनों इस किरदार के लिए बने थे। सबसे ज़्यादा यदि किसी ने प्रभावित किया है तो हैं संजय दत्त। अहमद शाह अब्दाली के रूप मे वो गजब लगते हैं। इनके अलावा मोहनीश बहाल, पद्मिनी कोल्हापूरे, आरजे मंत्रा छोटी सी भूमिका मे प्रभवित करते हैं।
निर्देशन और छायांकन
आशुतोष गोवारीकर ने फिल्म का निर्देशन शानदार तरीके से किया है। इस मामले मे उनकी तारीफ करना चाँद को चिराग़ दिखाने जैसा है। छायांकन भी लाजवाब है। ऐतिहासिक युद्ध, जगह के ज़रिये दर्शकों को लुभाने मे ये दोनों कामयाब हुए हैं।
संगीत
अजय-अतुल ने फ़िल्म का संगीत दिया है। गाने लुभाते नहीं। बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है।
खास बातें
- ऐतिहासिक कहानी।
- अच्छा संदेश देती है।
- संजय दत्त की अदाकारी।
- निर्देशन, छायांकन गज़ब।
- क्लाइमैक्स लाजवाब।
- पूरे परिवार संग देख सकते हैं।
कमज़ोर कड़ियां
- फ़िल्म 15-20 मिनट लंबी है।
- प्रेडिक्टेबल है।
- बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है लेकिन अच्छे गानों की कमी खलती है।
देखें या ना देखें
पानीपत फ़िल्म हमारे इतिहास से रूबरू कराती है। भले ही हम हारे थे लेकिन इससे बहुत कुछ हासिल हुआ था, उसकी जानकारी आपको मिलती है। अपने पूरे परिवार संग आप ये फ़िल्म देखें।
रेटिंग – 3.5/5
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