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उजड़ा चमन मूवी रिव्यू: थोड़ा हंसाती है और भरपूर उबाती है ये फ़िल्म

अभिषेक पाठक (Abhishek Pathak) के निर्देशन में बनी 'उजड़ा चमन (Ujda Chaman)' में सनी सिंह (Sunny Singh) लीड रोल में है। फिल्म का मुख्य किरदार 'गंजेपन'  का शिकार है। इसके लिए उसे कई तरह की उलाहनाएं भी सुननी पड़ती है।

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  • सिनेमा – उजड़ा चमन
  • सिनेमा प्रकार – कॉमेडी ड्रामा
  • अदाकार –सनी सिंह,मानवी गगरू,सौरभ शुक्ला,करिश्मा शर्मा,ऐश्वर्या सखूजा
  • निर्देशक –अभिषेक पाठक
  • अवधि – 2 घंटा

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प्रस्तावना

अभिषेक पाठक (Abhishek Pathak) के निर्देशन में बनी ‘उजड़ा चमन (Ujda Chaman)’ में सनी सिंह (Sunny Singh) लीड रोल में है। जैसे कि फिल्म का ट्रेलर देख आप यह अंदाजा लगा लिए होंगे की फिल्म का मुख्य किरदार ‘गंजेपन’  का शिकार है। इसके लिए उसे कई तरह की उलाहनाएं भी सुननी पड़ती है। हालांकि ट्रेलर तो दिलचस्प लग रहा है, लेकिन फिल्म की कहानी कितनी दिलचस्प है, वह हम आपको आगे बताएंगे।

कहानी

30 साल का चमन कोहली (सनी सिंह) दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज में एक लेक्चरर के रूप में कार्यरत है। चमन अपने गंजेपन से परेशान है। यहां तक कि इसके उसे लोगों के हंसी का पात्र भी बनना पड़ता है। गंजेपन के चलते चमन को अपनी शादी की चिंता सता रही है। उसकी चिंता तब बढ़ जाती है, जब कुंडली देख पंडित जी (सौरभ शुक्ला) बतातें हैं कि अगर उसने 31 साल की उम्र तक शादी नहीं कि तो वह सन्यासी बन जाएगा। पंडित जी की यह बात सुनकर घर वाले चमन के लिए लड़की देखना शुरू कर देते हैं। चमन भी खूबसूरत पत्नी का अरमान संजोए लड़की की तलाश करता है। पर गंजेपन के कारण उसे रिजेक्शन का सामना करना पड़ता है। तो क्या अब चमन का ख्वाब पूरा होगा?  क्या उसे उसकी मनचाही जीवन साथी मिलेगी? यह सब जानने के लिए आपको पूरी फिल्म देखनी होगी।

निर्देशन

1994 में आई फिल्म सलामी का वह गाना शायद आपको याद होगा ‘चेहरा क्या देखते हो, दिल में उतरकर देखो न’। कुछ इसी तर्ज पर अभिषेक पाठक ने फिल्म बनाते हुए लोगों को सूरत और सीरत का फर्क समझाने की कोशिश की है। पर उनका यह संदेश हास्यास्पद लगने लगता है जब फिल्म में ज़रूरत से ज्यादा कॉमेडी नज़र आने लगती है। इसमें कई सीन ऐसे लगते हैं, जिसे जबरन डाला गया है।

अदाकारी

सनी सिंह ने चमन कोहली के किरदार को बड़े ही खूबसूरती के साथ पर्दे पर जिया है। वहीं अप्सरा के रोल में मानवी गगरू ने भी अपने अभिनय के साथ न्याय किया है। वहीं सौरभ शुक्ला, गौरव अरोड़ा, करिश्मा शर्मा, ऐश्वर्या सखूजा का अभिनय अपनी जगह बिल्कुल सही है।

 ख़ास बाते

  • सभी किरदारो ने अपने अभिनय के साथ न्याय किया है।
  • सनी सिंह का प्रोस्थेटिक मेक-अप बहुत ही शानदार ढंग के किया गया है।

कमज़ोर कड़ियां

  • ज़रूरत से ज्यादा कॉमेडी फिल्म को अपने सामाजिक उद्देश्य से भटकाती दिख रही है।
  • फर्स्ट हाफ में कुछ सीन जबरदस्ती डाले हुए दिखाई देते हैं।
  • 2 घंटे की फिल्म खींचकर बड़ा किया गया है।

देखें या न देखें

सनी सिंह का अभिनय अच्छा है, इसलिए एक बार तो देख ही सकते हैं फिल्म।

रेटिंग

2/5

 

40%
Awesome
  • Design

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